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क्या रियल-मनी गेम्स पर बैन लगाना सही था? भारत पर इसका क्या असर हुआ?

क्या रियल-मनी गेम्स पर बैन लगाना सही था? भारत सरकार ने रियल-मनी गेम्स पर बैन लगा दिया है। क्या यह फैसला सही था, या इसे और पहले ही बैन कर देना चाहिए था? आइए, इस पर गहराई से नज़र डालते हैं और भारत पर इसके प्रभावों को समझते हैं।

20 अगस्त 2025 को, “ऑनलाइन गेमिंग का प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025” (The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) लोकसभा में पारित हुआ। अगले ही दिन, यानी 21 अगस्त 2025 को, यह राज्यसभा में भी पास हो गया। अंत में, 22 अगस्त 2025 को, राष्ट्रपति की सहमति के बाद, यह आधिकारिक तौर पर एक कानून बन गया।

यह नया कानून भारत में सभी रियल-मनी गेम्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है। जो भी प्लेटफॉर्म इसका उल्लंघन करेगा, उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें 3 साल तक की जेल और ₹1 करोड़ तक का जुर्माना शामिल है। इसके अलावा, ऐसे प्लेटफॉर्म्स का प्रचार या विज्ञापन करने वाले किसी भी व्यक्ति को 2 साल तक की जेल और ₹50 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

तो क्या आप भी इनमें से किसी का प्रचार कर रहे हैं? हमें अक्सर इंस्टाग्राम और फेसबुक रील्स पर इन रियल-मनी गेम्स और बेटिंग ऐप्स के विज्ञापन देखने को मिलते हैं। यदि आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो अभी भी समय है कि आप अपने अकाउंट से ऐसे सभी प्रमोशनल वीडियो और पोस्ट हटा दें। यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स ने भी ऐसे चैनलों और वीडियो पर रोक लगाना शुरू कर दिया है, जिससे उन क्रिएटर्स पर सीधा असर पड़ा है जो इन पर निर्भर थे।

राज्यों में पहले से ही लगा था बैन: एक महत्वपूर्ण बात

यह जानना दिलचस्प है कि भारत के कई दक्षिणी राज्यों में यह कदम बहुत पहले ही उठाया जा चुका था। इन राज्यों ने ऑनलाइन बेटिंग और रियल-मनी गेम्स को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया था:

  • तेलंगाना (2017 से)
  • आंध्र प्रदेश (2020 से)
  • कर्नाटक (2021 से)
  • तमिलनाडु (2023 से)

इन राज्यों ने दूरदर्शिता दिखाते हुए इन प्लेटफॉर्म्स को अपने यहां पैर जमाने नहीं दिया। इसका मतलब है कि ये गेम्स खेलने वाले 45-50 करोड़ उपयोगकर्ता मुख्य रूप से अन्य राज्यों से थे। यदि इन राज्यों में प्रतिबंध नहीं होता, तो भारत की लगभग 75% आबादी इन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद होती।

गेमिंग दिग्गजों पर असर

इस कानून के बाद, Dream11 और My11Circle जैसे बड़े फैंटेसी क्रिकेट प्लेटफॉर्म्स ने अपने सभी रियल-मनी गेम्स बंद कर दिए हैं। अब आप इन पर खेल तो सकते हैं, लेकिन जीतने पर मिलने वाले पुरस्कार बदल गए हैं। जैसे, Dream11 में अब पहले रैंक पर आने वाले को कैश की जगह कार या अन्य उपहार मिल सकते हैं। वे दिन चले गए जब ये कंपनियां एंट्री फीस के ज़रिए बड़े टूर्नामेंट्स को स्पॉन्सर करती थीं।

ऑनलाइन रमी, MPL, और Paytm गेम्स जैसे प्लेटफॉर्म्स ने भी रियल-मनी गेम्स बंद कर दिए हैं। अब आप इनमें पैसे जमा नहीं कर सकते। यदि आप खेलना चाहते हैं, तो केवल मनोरंजन के लिए मुफ्त में खेल सकते हैं।

इस बैन का कारण क्या था? सरकार ने बताया कि इस कानून का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण संबंधी चिंताओं को दूर करना है, जैसे गेमिंग की लत, वित्तीय संकट, और इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना।

भारत पर इसका प्रभाव

इस फैसले ने अनुमानित 45 करोड़ (450 मिलियन) भारतीयों को प्रभावित किया है। इनमें से कई लोगों को इन गेम्स की लत लग चुकी थी, और कुछ ने तो इसमें बड़ी रकम गंवाई थी। ऐसी भी खबरें थीं कि ऑनलाइन रमी जैसे गेम्स में कुछ खिलाड़ी तिकड़म लगाकर काफी पैसे कमाते थे।

Dream11 और My11Circle जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी लंबे समय से संदेह था कि उनके बड़े पुरस्कार अक्सर नकली होते थे और कई लोग मानते थे कि ₹1 लाख से ऊपर की जीत सिर्फ दिखावा होती थी। फिर भी, कई उपयोगकर्ताओं ने जीतने की उम्मीद में ₹49 जैसी छोटी-छोटी रकम खर्च करके बहुत पैसा डुबा दिया।

इस बैन का असर बड़ी कंपनियों की स्पॉन्सरशिप पर भी पड़ा है। उदाहरण के लिए, Dream11 का BCCI के साथ तीन साल का जर्सी स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया है। आपने भारतीय खिलाड़ियों की जर्सी पर ‘Dream11’ का लोगो देखा होगा, जो अब हटा दिया गया है। इसके अलावा, Dream11 की इंडियन सुपर लीग (ISL), प्रो कबड्डी लीग, और कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) जैसी अन्य लीगों के साथ साझेदारी भी प्रभावित हुई है।

विदेशी बेटिंग ऐप्स का क्या?

1xBet, 10cric, Mostbet, Mahadev Book, और Parimatch जैसे प्लेटफॉर्म्स अभी भी चल रहे हैं। चूंकि ये भारत के बाहर से संचालित होते हैं, इसलिए इन पर आधिकारिक तौर पर प्रतिबंध है, लेकिन ये भारतीय उपयोगकर्ताओं को अवैध तरीकों जैसे ‘मिरर साइट्स’ के माध्यम से पहुँच प्रदान कर रहे हैं।

यदि आपका पैसा इन ऐप्स में फंसा हुआ है, तो उसे वापस पाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि भारत में इनके सर्वर बंद हो चुके हैं।

इस बैन के बारे में आपके क्या विचार हैं? क्या आपको लगता है कि सरकार का यह कदम सही था? अपनी राय हमें कमेंट्स में बताएं।

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