मेरी राय: क्या कोहली-शर्मा की ODI रैंकिंग में हुई गड़बड़ी एक पब्लिसिटी स्टंट थी?
क्या कोहली-शर्मा की ODI रैंकिंग में हुई गड़बड़ी एक पब्लिसिटी स्टंट थी? : यह ब्लॉग पोस्ट एक क्रिकेट प्रशंसक के रूप में मेरे व्यक्तिगत विचारों और रचनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है। यह कोई समाचार रिपोर्ट नहीं है।
क्रिकेट की दुनिया में हाल ही में तब अफरा-तफरी मच गई थी, जब ICC वेबसाइट पर एक कथित तकनीकी गड़बड़ी की वजह से दो महान खिलाड़ियों, विराट कोहली और रोहित शर्मा के नाम ODI रैंकिंग से गायब हो गए थे। अगर यह एरर किसी कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी के साथ हुआ होता, तो शायद किसी का ध्यान भी नहीं जाता, लेकिन यह तो सीधे खेल के दिल पर हमला था। इससे मन में एक सवाल उठता है: क्या यह वाकई सिर्फ एक मामूली गड़बड़ी थी, या इसके पीछे कोई और वजह हो सकती है?
यह कोई संयोग नहीं है कि यह “गड़बड़ी” भारत के दो सबसे पसंदीदा खिलाड़ियों के साथ हुई, उस देश में जहाँ क्रिकेट एक धर्म है। जैसे ही यह खबर फैली, ICC की वेबसाइट पर ट्रैफिक का जैसे पहाड़ टूट पड़ा। इतने सारे लोग वेबसाइट पर आए कि आप सोच भी नहीं सकते। तो क्या यह एक सोची-समझी पब्लिसिटी स्टंट थी? क्या ICC ने लाखों जुनूनी भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की भावनाओं का फायदा उठाकर अपनी वेबसाइट पर भारी ट्रैफिक लाने की चाल चली थी? यह सोचना गलत नहीं होगा।
रिटायरमेंट की अफवाहों पर ज्यादा भाव ना दे
इस सारी हलचल के बीच, विराट कोहली और रोहित शर्मा के रिटायरमेंट की अफवाहें भी फैलने लगीं। यह याद रखना ज़रूरी है कि ये सिर्फ अफवाहें हैं। दोनों में से किसी भी खिलाड़ी ने ODI फॉर्मेट से रिटायरमेंट लेने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। प्रशंसकों को थोड़ा आराम करना चाहिए और सोशल मीडिया पर फैल रही हर खबर पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए।
मैदान पर: विराट कोहली की अटूट विरासत
आइए, अब उनकी खेलने की स्टाइल पर बात करते हैं, शुरुआत विराट कोहली से। जब वह मैदान पर होते हैं, तो न तो वह आउट ऑफ फॉर्म दिखते हैं और न ही घबराए हुए। उनकी मौजूदगी ही विपक्षी टीम को डराने के लिए काफी है। उनकी आक्रामकता, अनोखी स्टाइल और जबरदस्त ऊर्जा मैदान पर साफ दिखती है। जब वह बल्लेबाजी करते हैं, तो उनमें एक अलग ही जुनून दिखाई देता है, और चेज़िंग करते समय वह तब तक चैन से नहीं बैठते जब तक मैच जीत न लें।
उनके करियर के आंकड़े ही उनकी महानता का सबूत हैं: 302 मैचों में 14,181 रन, जिसमें 51 शतक और 74 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी फिटनेस पर कोई शक करना ही नहीं चाहिए। कुछ लोग सोशल मीडिया पर उनकी सफेद हो रही दाढ़ी को देखकर कहते हैं कि वह “बूढ़े हो गए हैं,” लेकिन यह बढ़ती उम्र का एक सामान्य हिस्सा है, “अरे भाई, ३७ वे साल में किसी की दाढ़ी सफ़ेद हो जाएगी, इसमें पुरे आदमी को ही बूढ़ा बना देंगे क्या? अरे वो भी एक इंसान है” .और इसका खिलाड़ी की फिटनेस या प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है।
‘हिटमैन’ रोहित शर्मा की शांत कप्तानी
अब, बात करते हैं रोहित शर्मा की। मैदान पर उनकी मौजूदगी पूरी तरह से शांत और कूल रहती है। टीम इंडिया के कप्तान होने के नाते, वह पूरी टीम को बहुत अच्छे से संभालते हैं। उनकी ऊर्जा कोहली से अलग है, लेकिन उतनी ही असरदार है। जब वह क्रीज पर उतरते हैं और थोड़ा भी टिक जाते हैं, तो आपको ऐसे-ऐसे छक्के देखने को मिलते हैं कि आप भी सोचेंगे कि यह खिलाड़ी इतनी आसानी से यह सब कैसे कर लेता है। उन्हें “हिटमैन” का खिताब ऐसे ही नहीं मिला है।
अपने ODI करियर में, उन्होंने 273 मैचों में 11,168 रन बनाए हैं, जिसमें 32 शतक और 58 अर्धशतक शामिल हैं। और वह मैच तो सबको याद ही होगा, जिसमें उन्होंने अकेले 264 रन बनाए थे! उनकी काबिलियत पर कोई शक होना ही नहीं चाहिए। मुझे आज भी याद है वो इंडिया vs श्रीलंका की मैच जब रोहित शर्मा ने कैसे कैसे श्रीलंकन बोव्लेर्स को धोया था और अकेले ने 264 रन बनाये थे. नकी काबिलियत पर कोई शक होना ही नहीं चाहिए।
सच तो यह है कि अभी दोनों खिलाड़ियों का रिटायर होने का कोई इरादा नहीं है। वे लगभग निश्चित रूप से अगले वर्ल्ड कप में खेलेंगे, और हम सभी उम्मीद करते हैं कि भारत ही ट्रॉफी घर लेकर आएगा। आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।