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Ek Chatur Naar : Film Review – क्या दिव्या खोसला इस फिल्म मे कुछ चतुराई दिखा पाई?

Ek Chatur Naar : Film Review : दिव्या खोसला कुमार, इनकी एक फिल्म है “एक चतुर नार”, जो कि बॉलीवुड की है और अब रिलीज हो चुकी है। वैसे तो दिव्या खोसला आजकल कई फिल्मों में दिखाई दे रही हैं। मुझे तो ये सिलसिला सलमान खान के साथ “हनी हनी” गाने के बाद कभी दिखा ही नहीं, हालांकि उन्होंने एक साउथ की फिल्म की थी। लेकिन टी-सीरीज के चेयरमैन भूषण कुमार से शादी के बाद, ये कई सालों बाद फिर फिल्मों में दिख रही हैं, वो भी ज्यादातर सिर्फ टी-सीरीज के बैनर वाली फिल्मों में।

खैर, अब 12 सितंबर को उनकी ये फिल्म “एक चतुर नार” आ गई है, बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म कितनी चतुराई दिखा पाएगी, ये देखना बाकी है। तो चलिए करते हैं इस फिल्म का रिव्यू।

कहानी

फिल्म को ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर बताया गया है, पर इसमें न तो ठीक-ठाक कॉमेडी है, न किसी तरह की थ्रिल। कहानी की बात करें तो दिव्या खोसला कुमार एक गरीब लड़की “ममता शर्मा” का रोल निभा रही हैं। ममता एक मामूली सी बस्ती में रहती है, लखनऊ की एक छोटी झुग्गी झोपड़ी में। वो छोटे-मोटे काम करके अपना गुजारा करती है।

फिल्म में एक मोड़ आता है, जब ममता को गलती से एक फोन मिल जाता है। ये फोन किसी का है? ये फोन है एक जाने-माने बिजनेसमैन अभिषेक वर्मा (नील नितिन मुकेश) का। ममता जब फोन देखती है, तो उसे अभिषेक का ऐसा राज़ पता चलता है, जिसके बाद वह अभिषेक को ब्लैकमेल करती है और दो करोड़ रुपये मांगती है। फिर उनका खेल शुरू होता है।

फिल्म का नाम है “एक चतुर नार”, तो फिल्म में चतुराई तो दिखानी ही होगी। ममता कैसे अपनी चतुराई से अभिषेक जैसे बड़े आदमी से बराबरी करती है और उससे दो करोड़ निकालती है, ये सब फिल्म में दिखाया गया है। लेकिन कहानी बिलकुल ही सादी और सीधी है, कुछ खास नहीं। नहीं तो मैं ही लिख देता इसके लिए आपको ये फिल्म देखनी पड़ेंगी । पर ऐसा मै लिख नहीं पाया। जानिए क्यों ???

रिव्यू

डायरेक्शन की बात करें तो उमेश शुक्ला ने की है, जो औसत दर्जे का है। सामान्य सी कहानी, सामान्य सीन-शॉट, और तकनीकी दृष्टि से कुछ खास नहीं दिया गया है। फिल्म का बजट लगभग 10 से 15 करोड़ तो है, लेकिन कहानी और किरदार इसमें थोड़े सस्ते लगे। वैसे किरदार अपने निजी जिंदगी मे मिलैनिऑरी है पर परदे पर ये सस्ते किरदार लगते है। खैर, फिल्म मे सुशांत सिंह, यशपाल शर्मा जैसे किरदार भी है, पर फिल्म कहानी की वजह से ये भी फिल्म मे स्ट्रगल करते नजर आते है।

फ़िल्म में कॉमेडी दिखाने की कोशिश की गई है, जहा किरदार आपको हसाने की कोशिश करेंगे पर आपको हसी नहीं आएगी। आजके कपिल शर्मा कॉमेडी शो क दौर मे बॉलीवुड फिल्म मेकर्स ऐसी सस्ती कॉमेडी दिखाएगे तो आप ही बताओ हंसी कैसे आएगी??

कॉमेडी करने क लिए किरदार स्ट्रगल करते हुए नजर आते है, खासकर दिव्या। फिल्म में एक डायलॉग है, “हर शहर में दो तरह की बस्ती होती है — एक नदी के किनारे, दूसरी नाले के पास। जो नदी वाले हैं उन्हें मौके मिलते हैं, जो नाले वाले हैं, मौके बनाते हैं।” यह डायलॉग फिल्म की सामाजिक स्थिति को दिखाता है, लेकिन इस फिल्म मे दिव्या कुछ मौका बना नहीं पाई, ओर फिल्म मे ऐसा कोई मौका आया नहीं जो आपको चौका सके। खैर फिल्म की म्यूजिक की बात करे तो ये फिल्म इंडियन टॉप म्यूजिक कंपनी T-Series द्वारा प्रस्तुत है। पर फिल्म क गाने भी आपको थोड़ा सा छु नहीं पायेगे। आप गूगल मे सर्च कीजिए इस फिल्म का नाम और देखिए क्या आता है तो, सर्च रिजल्ट मे ये फिल्म दूर दूर तक नहीं आएगी, पर आएगा एक मोस्ट पोपुलर सॉन्ग, किशोर कुमार ने गाया हुआ “एक चतुर नार बड़ी होशियार, मेरे मनके द्वार ये घुसत जाय ” ये सॉन्ग सुन लीजिए इस फिल्म के गानों से अच्छा। इस दुनिया मे कोई दिव्या कुमार घोंसला का फैन मौजूद है तो ये फिल्म को देख सकता है, बाकी फिल्म्स के लेजन्डेरी ऑडियंस इस फिल्म को सिनेमाघरों मे देख कर अपना टाइम और पैसा बर्बाद न करे।

रेटिंग्स

अगर आपने ये फिल्म देख ली तो आपके रिव्यू कमेन्ट करके बताए, और ये रिव्यू पढ़के आपने ये फिल्म ना देख के अपने पैसे बचा लिए है तो इसको लाइक कर दीजिए ।

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